एक जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी जो रोज़ किसी न किसी को पागल बनाकर उसका मज़ाक बनाया करती थी | एक दिन वह जंगल में घुमने के लिए निकली, अचानक यूज़ एक अंगूर की बेल नगर आ गयी जो बहुत रसीले अंगूरों से लदी हुई थी |
यह देखकर लोमड़ी के मुह में पानी आ गया और वह उस बेल के पास जाकर ख़डी हो गयी और सोचने लगी आज बहुत मज़ा आएगा , पर बेल काफी ऊँची थी लोमड़ी ने उंचक उंचक कर काफी कोशिस की पर वह उस बेल तक न पहुँच पाई यूज़ ऐसा करते हुए सुबह से शाम हो गयी पर उसके हाथ कुछ न लगा |
लोमड़ी ऐसा करते देख कुछ और जानवर उसपर हसने लगे और बोले खा लिए अंगूर पर लोमड़ी ने बड़ी चालाकी से जवाब दिया नहीं नहीं अंगूर बहुत खट्टे हैं इसलिए मैं उन्हें नहीं खाना चाहती |
Moral of the Story
शिक्षा :- जिसके बारे में पता नहीं मिल सकता व्यर्थ में समय नहीं गवाना चाहिए |