एक बार एक गधा था जो बहुत घमंडी था वह रोज़ नदी के किनारे पानी पीने जाया करता था और घूमता फिरता अपने घर लौट आता था | एक दिन पानी पीते वक़्त उसका पैर फिसल गया और वह दलदल में जा गिरा |
दलदल में गिरते ही उसने जोर जोर से रह्कना शुरू कर दिया और चुप होने का नाम नहीं ले रहा था | उस दलदल में मेंढक और मेंढकी रहते थे | जब उन्होंने गधे की चीख पुकार सुनी तो वो बाहर निकले और गधे से कहा क्या हुआ भाई क्यूँ जोर जोर से रह्क रहे हो |
गधा फिर भी चिल्लाता रहा और निकलने की कोशिश करता रहा, यह देखकर मेंढक बोला तुम क्यों चिल्ला रहे हो हम तो यहाँ रहते है , थोडा सब्र करो | कुछ देर बाद गधा वहां से निकल गया |
Moral of the Story
शिक्षा :- हमें हर हाल में सँभलने की कोशिश करनी चाहिए चाहे मुसीबत कितनी भी बड़ी क्यू न हो |