एकबार की बात है एक नदी के किनारे कौवा पानी पीने जाता था और उसे वहां बगुला भी मिलता था | धीरे धीरे दोनों में दोस्ती हो गयी और बगुला कौवे को नदी से निकाल कर स्वादिस्ट मछली खिलाने लगा | अब कौवा और बगुला घनिष्ट मित्र बन गए और रोज़ दोनों नदी किनारे मछलियाँ खाने लगे |
कौवा देखता था की बगुला मछली पकड़ने के लिए ऊपर आसमान में उड़ता था और ऊपर से चोंच नीचे करके और पैर ऊपर करके नदी की और ऊपर से गिरता था और मछली पकड़ लेता था और कोवे को भी खिलाता था | एक दिन कौवे ने सोचा आज मैं भी मछली पकडूँगा | उसने भी बगुले की तरह आसमान में जितना उपर उडा गया उडा और चोंच नीचे करके और पैर ऊपर करके नदी की और बढ़ चला |
जैसे ही उसने नदी में छलांग लगाई मछली तो निकल गयी पर उसकी चोंच नदी की झाड़ियों में फास गयी और वह डूबने लगा | बगुले ने यह सब देख लिया और उसे बचा लिया |
Moral of the Story
शिक्षा :- हमें जो काम अच्छे से आता है वही करना चाहिए |