Top 06 Moral Stories in Hindi
Moral Stories in Hindi (मोरल स्टोरीज़ इन हिंदी ) Collection for kids of every class, be it class 3,4,5,6,7,8,9 or even infants. Short stories with deep moral and learning. Best and Latest Moral Stories in Hindi for kids as per various popular books, literature for children of all age groups. Each story has a great moral in Hind translation.हिंदी की कहानियो का अनोखा संग्रह।
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हिंदी मोरल स्टोरीज -Moral Stories in Hindi with great moral for kids of all ages
हिंदी कहानिया – Moral Stories in Hindi Please like and comment about the stories and also let us know your wish- We will add the story you like to read. We will keep on adding more and more stories in Hindi for kids of every class, be it class 3,4,5,6,7,8,9 or even infants. These are few great short stories with deep moral and learning preached by great writers as per there books and literature. We hope children of all age groups will like them..
1. शेर और चूहा ( Hindi short stories with moral for kids )
एकबार जंगल में एक सेर सो रहा था, वहां घूमते घूमते एक चूहा आ गया और शेर के पास खेलने लगा | शेर उसकी आवाज सुनकर जाग गया और उसे पकड़ लिया |
शेर उसे खाना चाहता था, पर चूहें ने शेर से माफ़ी मांगी और कहा मुझे माफ़ कर दो जरुरत पड़ने पर मैं भी तुम्हारी सहायता करने में पीछे नहीं हटूंगा |
शेर बहुत जोर से हंसा और बोला हा हां हा , तू छोटा सा चूहा मेरी क्या मदत करेगा , चल जा तुझे माफ़ करता हू , फिर कभी यहाँ मत आना | चूहें ने शेर को धन्यवाद कहा और वहां से चला गया |
कुछ दिनों बाद कुछ शिकारी जंगल में शिकार के लिए आए और उन्होंने शेर को पकड़ लिया, और रस्सिओं से जाल में बाँध दिया |
चूहें ने ये सब देख लिया और जैसे ही शिकारी रात को सो गये चूहें ने अपने पैने दांतों से जाल काट दिया और शेर को बचा लिया, अब शेर को अपनी गलती का एहसास हुआ और चूहें को धन्यवाद् कहा और दोनों दोस्त बनकर रहने लगे |
नैतिक शिक्षा (Moral of the Story) –कोई भी कभी भी काम आ सकता है, इसलिए सबका भला करो और किसी को छोटा या कमज़ोर मत समझो |
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2. दोस्त का महत्व ( Hindi short stories with moral for kids )
कपिल गर्मी की छुट्टी में अपनीनानीके घर जाता है। वहां कपिल को खूब मजा आता है , क्योंकि नानी का संतरे का बगीचाहै।
वहां कपिल ढेर सारे संतरे खाता है और खेलता है। उसके दो दोस्त भी हैं , पर उन्हें कपिल संतरे नहीं खिलाता है।
एक दिन की बात है , कपिल को खेलते खेलते चोट लग गई। कपिल के दोस्तों ने कपिल को उठाकर घर पहुंचाया और उसकी नानी से उसके चोट लगने की बात बताई , इस पर कपिल को मालिश किया गया।
नानी ने उन दोस्तों को धन्यवाद किया और उन्हें ढेर सारे संतरे खिलाएं। कपिल जब ठीक हुआ तो उसे दोस्त का महत्व समझ में आ गया था। अब वह उनके साथ खेलता और खूब संतरे खाता था।
नैतिक शिक्षा (Moral of the Story) –सच्चा दोस्त हमेशा काम आता है और हमारे सुख और दुःख का साथी होता है , उसके साथ कभी धोका नही करना चाहिए और मिलकर रहना चाहिए , जरुरत पड़ने पर एक दोस्त ही दुसरे दोस्त के काम आता है |
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3. मुर्गे का घमंड ( Hindi short stories with moral for kids )
एक गाँव मे एक किसान था , उसके पास एक मुर्गा था जो सुबह दिन निकलते ही आवाज लगाने लगता था |
सब लोग उसकी आवाज सुनते ही उठ जाते थे और अपने अपने काम में लग जाते थे | एक दिन किसान से नाराज होकर मुर्गे ने फैसला किया की अगले दिन वह आवाज नहीं लगेगा तो सबको उसकी अहमियत का पता चलेगा |
उस रात उसने जो फैसला किआ उसके कारण वो अगले दिन देर से उठा और आवाज नहीं लगाई | परन्तु उसने देखा की सभी लोग समय पर उठ चुके हैं और अपने अपने काम में लगे हुए है |
यह देखकर तब मुर्गे को एहसास हुआ के उसने बेवजह किसान से नाराज होकर ठीक नहीं किया |
नैतिक शिक्षा (Moral of the Story) – हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए , लोगों को हमारे अहमियत बिना बताये पता चलनी चाहिए |
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4. भेड़िया और किसान ( Hindi short stories with moral for kids )
एकबार की बात है एक भेडिये ने एक भेड़ के झुण्ड को मैदान में घास चरते हुए देखा और उसका मन उन्हें खाने के लिए ललचाने लगा |
तभी उसे कहीं से भेड़ की खाल मिल गयी जिसे पहनकर वह भेड़ों के झुण्ड में शामिल हो गया | उसने सोचा के मैं भेड़ों के बीच में घुस जाऊंगा और रात होने पर मज़े से भेड़ खाऊंगा |
गडरिया उसे भी अपनी भेड़ समझ कर अपने घर ले गया और बाड़े में बंद कर दिया | धीरे धीरे अँधेरा होने लगा | संयोगवस उस दिन गडरिये की ससुराल से कुछ मेहमान आए हुए थे |
गडरिये ने अपने नौकर से कहा के जाओ और कोई मोती तगड़ी भेड़ बाड़े में से निकाल कर ले आओ | नौकर बाड़े मैं गया तो उसे (भेडिये) को मोटी तगड़ी भेड़ समझ कर उठा ले गया और उसको मार कर रात का खाना बना लिया |
भेड़िया भेड़ खाने आया था मगर खुद ही किसान और उसके रिश्तेदारों का खाना बन गया |
नैतिक शिक्षा (Moral of the Story) – हमें कभी भी किसी का बुरा नहीं सोचना चाहिए , बुरा सोचने वाले का अंत बुरा ही होता है |
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5. व्यापारी और गधा ( Hindi short stories with moral for kids )
एकबार की बात है किसी गाँव में एक व्यापारी रहता था , वह नमक का व्यापार करता था | उसके पास एक गधा था जो बहुत ही आलसी था , वह हमेशा काम से बचने के बहाने तलाश करता रहता था |
व्यापारी अपने नमक को शहर में बेचने जाया करता था | रास्ते में एक नदी मिलती थी जिसमे कम पानी था | शहर जाने के लिए नदी से पर करके जाने में कम समय लगता था |
एक दिन व्यापारी ने अपना नमक गधे की पीठ पर लाद दिया और आराम आराम से शहर की और चल दिया | बीच में नदी मिली और वह गधे को लेकर उसे पार करने लगा |
गधे का पैर कीचड़ होने की वजह से फिसल गया और वह नदी में गिर गया | नदी में गिरते ही नमक पानी में घुलना शुरू हो गया और उसका वजन काफी कम हो गया | व्यापारी ने गधे को पानी से बहार निकाला और आगे चल दिया |
गधे ने महसूस किआ की नमक हल्का हो गया है | उस दिन वह बहुत खुश हुआ और सोचा ये तो अच्छा तरीका मिल गया | अगले दिन उसने जानबूझकर नमक को फिर पानी में गिरा दिया | व्यापारी उसकी चाल समझ गया |व्यापारी ने वापस घर आकर यूज़ सबक सिखाने का फैसला कर लिया | उसने अगले दिन शहर से रुई खरीदी और उसकी पीठ पर लाद दी , गधे ने रोज़ की तरह वैसा ही किआ , जैसे ही वह नदी पर करने लगा फिर से उसने रूई नदी में गिरा दी |
रूई पानी में गिरने के बाद उसमे पानी भर गया और वह और भरी हो गयी | अब गधे का खड़ा होना भी मुश्किल हो गया और व्यापारी ने उसे उठाने के लिए उसकी खूब पिटाई की |
उस दिन गधा जैसे तैसे घर पहुँच और यूज़ अब बहुत पछतावा हो रहा था |
नैतिक शिक्षा (Moral of the Story) –बेवकूफों को सबक सिखाना जरूरी होता है |
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6. मछली और मेंढक की कहानी – Hindi moral Story
एक तालाब था। उस तालाब में दो बड़ी मछलियां –सहस्त्रबुद्धी और सतबुद्धी रहती थीं।
उनका एक दोस्त “मेंढक” था जिसका – नाम एक बुद्धि था। वो अक्सर उस तालाब के किनारे बहुत समय बिताया करते थे।
एक बार एक शाम, तालाब के किनारे जब वे मज़े कर रहे थे, तभी उन्होंने मछुआरों को अपनी ओर आते देखा। मछुआरों के पास उनका जाल और टोकरी थी, जिनमें मछलियां भरी हुयी थी।
उस तालाब से गुजरते समय, मछुआरों ने देखा कि तालाब में बहुत सी मछलिया हैं । वे एक दुसरे से बोले –“ क्यों न हम हम कल सुबह यहाँ आकर मछलियां पकड़े ? यह तालाब बहुत गहरा नहीं है और बड़ी बड़ी मछलियों से भरा हुआ है “
मेंढक यह सब सुनकर उदास हो गया था और बोलै –“ प्यारी मछलियों अब हमें कुछ योजना बनानी पड़ेगी, –कहाँ जाना है या छिपना है। वर्ना ये हमें कल पकड़ लेंगे !”
मछलियों ने ज्यादा परवाह न करते हुए कहा, “हे मित्र, मछुआरों की इस वार्ता से चिंतित न हो। वे नहीं आएंगे। फिर भी अगर वो आये, तो मुझे इस तालाब में बहुत ही गहरे पानी में स्थित एक सुरक्षित जगह पता है। हम वह छुप सकते हैं।
इस पर दूसरी मछली भी बोली – “मैं कुछ मछुआरों की वजह से अपने पूर्वजों के घर को नहीं छोडूंगी। मै भी गहरे पानी में सुरक्षित स्थान पर अपने आप को और अपने परिवार को भी बचा लूंगी ।”
लेकिन मेंढक को ये बात समझ नहीं आ रही थी। उसने कहा, “ठीक है आप यही रुकिए, लेकिन मैं अपने परिवार को लेकर तुरंत ही किसी दूसरे तलाब को चला जाता हूँ ।
योजना अनुसार अगली सुबह, मछुआरे तालाब में आये और जाल डाल कई मछलियों, मेढ़क और केकड़ों को पकड़ लिया। अपने को चालक समझ रही सहस्त्रबुद्धि और सतबुद्दी ने बचने के लिए कड़ी कोशिश की, लेकिन उनकी कोई तरकीब काम नहीं आई। जब मछुआरों ने अपने जाल को तालाब के किनारे पर लिया तो वे पहले ही मर चुकी थीे।
होशियार मेंढक – एकबुद्धी ने , पहले से ही छुप ने के लिए एक अन्य तालाब ढूंढ लिया। अपने दोस्तों के लिए चिंतित होने के कारण , वह सतह पर आया और मछुआरों को अपने दोस्तों को साथ जाते देख , वह काफी उदास हो गया।
उसने अपनी पत्नी से कहा, “वे बहुत प्रतिभाशाली थे, लेकिन खतरे को भांप नहीं सके” (Moral Stories in Hindi)
कहानी से शिक्षा (Moral of the story) – खतरे के को उसके पहले संकेत पर भांप ले , और ज़िम्मेदारी के साथ अपने आप को बचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें।