बीरबल की खिचड़ी | Akbar birbal story in hindi

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Akbar Birbal Ki Kahani in Hindi

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बीरबल की खिचड़ी – अकबर और बीरबल की कहानियां

दोस्तों आपने अकबर बीरबल के काफी किस्से सुने होंगे जिसमे से एक आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं | आज हम आपको बीरबल की खिचड़ी एक मज़ेदार किस्सा सुनाने जा रहे हैं जो कहावत के रूप में भी काफी मशहूर है | जब भी बुद्धिमत्ता, चतुराई और हाजिर-जवाबी की बात होती है, तो सबसे पहला नाम बीरबल का आता है। वहीं, अकबर-बीरबल की जुगलबंदी किसी से छुपी नहीं है

अकबर-बीरबल की कहानियां हमेशा से सभी के लिए प्रेरणादायक रही हैं। बीरबल ने अपनी चतुराई और बुद्धिमता से कई बार बादशाह अकबर के दरबार में आए पेचीदा मामलों को सुलझाया। साथ ही बादशाह अकबर की ओर से दी गई चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार कर, उनका हल निकाला। बेशक, ये किस्से-कहानियां सदियों पुरानी हैं, लेकिन वर्तमान में भी इनका महत्व कायम है।

ऐसा कहा भी जाता है कि बीरबल को बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक अनमोल रत्न माना जाता था। अकबर-बीरबल से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, जो हर किसी को गुदगुदाती हैं। साथ ही एक खास सीख भी दे जाती हैं|

चलिए शुरू करते हैं |

एक दिन बादशाह अकबर ने घोषणा की, कि जो आदमी सर्दी के इस मौसम में नदी के ठन्डे पानी में रात भर खड़ा रहेगा | यूज़ शाही खजाने से पुरस्कृत किया जायेगा | इस घोषणा को सुनकर एक गरीब व्यक्ति ने सारी रात नदी में खड़े होकर बिता दी और अगले दिन बादशाह के दरबार में आकर इनाम लगा |

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बादशाह ने उस व्यक्ति से सवाल पूछा – “क्या तुम बता सकते हो किस शक्ति के सहारे तुम रात भर नदी में खड़े रह सके |” उस व्यक्ति ने अदब के साथ जवाब दिया, “आलम पनाह, मैं कल सारी रात महल की छत पर जलते हुए चिराग को देखता रहा उसी की शक्ति से मैं सारी रात नहीं में खड़ा रह सका |”

बादशाह ने उसका जवाब सुनकर कहा – “इसका मतलब तो यह हुआ की महल की रौशनी की आंच की गर्मी के कारण तुम सारी रात पानी में खड़े रह सके | इसलिए तुम इनाम के सच्चे हकदार नहीं हो |”

वह व्यक्ति उदास हो गया और बीरबल के पास जाकर निराशा भरे स्वर में बोला- “दरबार में बादशाह ने इनाम देने से मना कर दिया है” उसने इसका कारण भी बीरबल को बता दिया| बीरबल ने गरीब व्यक्ति को सांत्वना देकर उसके घर भेज दिया |

बादशाह ने अगले दिन बीरबल को दरबार में न पाकर एक खादिम को उन्हें बुलाने के लिए भेजा | खादिम ने बीरबल को आकर सूचना दी | बीरबल ने कहा- “कि जब उनकी खिचड़ी ठीक से पक जाएगी तभी वे दरबार में आ जाएँगे”

बादशाह को यह सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ वह अपने दरबारियों के साथ बीरबल के घर पहुंचे| वहां उन्होंने देखा कि बीरबल ने दो बांसों के उपर हंडियां में चावल रखकर उसे लटकाया हुआ है नीचे ज़मीन पर आग जल रही है |

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बादशाह ने पूछा- “बीरबल यह क्या तमाशा है क्या इतनी दूरी पर रखी हंडिया में खिचड़ी पक जाएगी |” बीरबल ने उत्तर दिया – “ हुजुर जरुर पक जाएगी |

“कैसे “ बादशाह ने गुस्से में पूछा |

“जहाँपनाह बिलकुल वैसे ही जैसे महल के उपर जल रहे दिए की गर्मी के कारण कोई पूरी रात नदी के पानी में खड़ा रह सकता है “ बीरबल ने कहा |

बादशाह अकबर बीरबल का यह तर्क सुनकर लज्जित हुए और उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति को तलाश करने और इनाम देने का आदेश दिया |

शिक्षा :- बीरबल की खिचड़ी एक कहावत के रूप में प्रचलित हो गयी जिसका अर्थ है किसी आसान काम को बहुत मुश्किल बताना या फिर किसी छोटे से काम में अधिक समय लगा देना |

दोस्तों आशा करते हैं कि आज की कहानी बीरबल की खिचड़ी Birbal ki khichdi आपको पसंद आई होगी

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