हींग के फायदे और नुकसान Benefits of Asafoetida in hindi
Asafoetida meaning in hindi: हींग का उपयोग लगभग सभी ने अभी तक केवल व्यंजनों के स्वाद बढ़ाने के लिए ही किया होगा। इसलिए आपको मालूम नहीं होगा की यह केवल खाने का जायका बढाने के लिए ही नहीं है बल्कि यह आयुर्वेद की एक प्रमुख्य औषधि है जिसका उपयोग कई तरह के रोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है।
हींग क्या है और इसका हिंदी में क्या अर्थ है What is Asafoetida in Hindi
हींग को अंग्रेजी में Asafoetida के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का ठोस मसाला होता है। हींग का स्वाद तीखा एवं हल्का कड़वा होता है व इसकी गंध बेहद तेज होती है इसलिए शुद्ध हींग का उपयोग नहीं किया जाता बल्कि अन्य पदार्थों में मिलाकर हींग को खाने के योग्य बनाया जाता है। हींग के रंग की बात करें तो बता दें कि हींग का रंग भूरा, हल्का लाल व पीला होता है।
हींग के प्रकार Types of Asafoetida in Hindi
मार्केट में कई प्रकार की हींग मिलती है लेकिन मुख्य रूप से हींग केवल दो प्रकार की ही होती है।
1. लाल हींग
2. दुधिया सफेद हींग
हींग का पौधा Asafoetida Plant
भारत हींग का आयात भी करता है और साथ- साथ ही भारत के कुछ राज्य जैसे पंजाब और कश्मीर में ही इसका उत्पादन भी किया जाता है। लेकिन बहुत से लोग अभी तक नहीं जानते कि हींग का पौधा कैसा होता है अथवा हींग बनायीं कैसे जाती है | यदि आप भी इसी प्रकार के सवालों में उलझे हुए हैं तो आपको बता दें कि हींग का उत्पादन एक पौधे के माध्यम से किया जाता है। हींग का पौधा Apiaceae परिवार से सम्बंधित पौधा होता है जिसका वानस्पतिक नाम Ferula assafoetida है।
हींग का पौधा बारहमासी पौधा है जिसकी लम्बाई 1 से 3 फुट तक होती है। इसका तना पतला एवं नाजुक होता है जिसमें गुच्छों में पीले रंग के फूल लगते हैं। हींग पौधे की जड़ को कटाने पर एक गोंड की तरह एक तरल पदार्ध निकलता है एवं इसी तरल पदार्ध के जमने से हींग का निर्माण होता है। दोस्तों भारत में हींग के खपत अधिक होती है जबकि उत्पादन बेहद ही कम होता है। वहीं दूसरी तरफ ईरान, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान में हींग का उत्पादन सर्वाधिक किया जाता है।
हींग के पोषक तत्व Nutrients of Asafoetida in Hindi
हींग का इस्तेमाल आयुर्वेद में दवाई के रूप में किया जाता है इसलिए आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हींग में टरपीनेयोल, लूटेओलिन, एजुलीन, फेरूलिक एसिड, अल्फ़ा पायनिन प्रमुख्य तत्वों के साथ ही आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, राइबोफ्लेविन, नियासिन, कैरोटीन, एंटीडायबिटिक, एंटीइम्फ्लिमेंट्री, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट आदि गुण भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
हींग के कुछ अन्य नाम Some other names of Asafoetida
हींग सबसे ज्यादा बोला जाने वाला नाम है लेकिन हींग एक ऐसी प्रसिद्ध औषधि है जिसके कई नाम हैं अर्थात हींग को अनेक नामों से जाना जाता है। इसलिए हींग के फायदों को जानने से पहले आइये जानते हैं हींग के विभिन्न नाम कौनसे हैं।
- हींग का अंग्रेजी में नाम – तिब्बतन ऐसैफेटिडा
- हींग का संस्कृत नाम – हिंगु
- हींग का तमिल नाम – पेरुंगायम
- हींग का मलयायम नाम – करिक्कयम
- हींग का गुजराती नाम – हींग बधारणी
- हींग का पंजाबी नाम – हिंगे
- हींग का तेलगु नाम – इंगुरा
- हींग का कन्नड़ नाम – इनगु
- हींग का बंगाली नाम – हिंगु
हींग के फायदे हिंदी में Benefits of Asafoetida in Hindi
हींग का उपयोग आयुर्वेद में एक प्रभावकारी दवा के रूप में किया जाता है। इसलिए यदि आप एलोपैथिक दवाओं से परहेज करते हैं व देशी दवाओं अथवा ओषधि पर विश्वास करते हैं तो हींग आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है। हींग की मदद से आप एक नहीं बल्कि अनेक रोगों को आसानी से ठीक कर सकते हैं। लेकिन रोगों को दूर करने के लिए आपको इसके लाभ पता होना चाहिए। तो चलिए आज आपको हींग से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
हींग का जोड़ो के दर्द में लाभ
शरीर में कमजोरी, चोट, व्यक्ति की अधिक उम्र आदि के कारण अक्सर लोगों के शरीर के किसी भी भाग अथवा जोड़ों में दर्द होना एक आम समस्या है। जोड़ों का दर्द कष्टकारी तो होता ही है साथ ही व्यक्ति को लाचार भी बना देता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को उठने बैठने, चलने फिरने के साथ-साथ सोने में भी परेशानी होती है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति को कई अन्य रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस रोग से छुटकारा पाने के लिए आप हींग का उपयोग कर सकते हैं। हींग में कई तरह के अम्ल पाए जाते हैं जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए दो छोटी चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी हींग व चार लहसुन की कली डालकर तेल को गर्म करने बाद इस तेल की मालिश जोड़ों पर करने से जोड़ों का दर्द कम हो जाता है।
हींग का पेट दर्द इस्तेमाल
पेट दर्द एक ऐसा रोग है जिसकी वजह से कई लोग परेशान रहते हैं एवं यह भी सत्य है कि जब भी पेट दर्द होता है तब अधिकतर लोग घरेलु उपायों के माध्यम से ही पेट दर्द को कम करने की कोशिश करते हैं। बता दें हींग का इस्तेमाल पेट दर्द को कम करने के लिए वर्षों से होता आ रहा है। हींग पेट सबंधी अनेक तरह के रोगों को ठीक करने में सक्षम होती है। पेट दर्द को दूर करने के लिए आप हींग का घोल बनाकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
मधुमेह को नियंत्रित करती है
आँखों से संबधित रोग हो अथवा अन्य कोई रोग हो जब भी आप चिकत्सक के पास जाते हैं तो सबसे पहले आपकी शुगर की जाँच करवाई जाती है क्यूंकि शुगर का बड़ा हुआ स्तर अनेक प्रकार की समस्याओं का कारण बनता हैं। इसके अतरिक्त जो लोग मधुमेह रोग से पीड़ित होते हैं उनको बेहद ही सोच समझकर खाद्य व पेय पदार्ध का सेवन करना पड़ता है।
यही वजह है कि अधिकतर लोग ऐसे विकल्पों की तलाश में रहते हैं जिससे शुगर को नियंत्रित किया जा सके अथवा जो लोग इस रोग पीड़ित नहीं हैं वह भी शुगर की मात्रा को सामान्य रख सकें। तो दोस्तों आपको बता दें कि हींग में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
हींग मोटापे को कम करती है
आयर्वेद में कई तरह की ऐसी दवाइयां हैं जिसकी मदद से मोटापा कम किया जा सकता है। चूँकि मोटापा बढ़ने के कई कारण होते हैं इन्हीं कारणों में से एक है पाचन विकार जब हमारा पाचनतंत्र भोजन का ठीक तरीके से पाचन नहीं करता है तो शरीर में अतरिक्त फैट जमा हो जाता है जिसकी वजह से मोटापा उत्पन्न होता है।
मोटापा कम करने के लिए आप आयर्वेद की प्रसिद्ध औषधि हींग का उपयोग कर सकते हैं क्यूंकि हींग ऐसी गुणकारी दवा है जो फैट व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक होती है। प्रातः काल गर्म पानी में एक चुटकी हींग डालकर सेवन करने से मोटापा कम होता है।
गैस में राहत पहुंचती है
गैस की बीमारी पेट से सम्बंधित बीमारी है जो अधिकतर गलत खान पान के कारण होती है। गैस की बीमारी केवल पेट को ही प्रभावित नहीं करती है बल्कि सम्पूर्ण शरीर को नुकसान पहुंचाती है। गैस की समस्या होने से अक्सर सीने में व पेट में दर्द होता है लेकिन कभी कभी यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि लोगों को साँस लेने में भी तकलीफ होती है।
इस समस्या से सामना कर रहे लोगों के लिए हींग सर्वोत्तम औषधि है। हींग में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो गैस संबंधी परशानी को दूर करने में मदद करते हैं। इस परेशानी से निजात पाने के लिए आप भोजन के साथ हींग का सेवन कर सकते हैं। इसके अतरिक्त नाभि के चारों तरफ हींग के घोल को लगाकर भी हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
महिलाओं के मासिक धर्म में सहायक
महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी कई प्रकार की समस्यों का सामना करना पड़ता है जैसे कि मासिक धर्म का समय पर नहीं आना, मासिक धर्म का अधिक आना, मासिक धर्म का कम आना, एक माह में मासिक धर्म का दो बार आना, मासिक धर्म में होने वाला असहनीय दर्द आदि।
यदि आप मासिक धर्म से सम्बंधित किसी भी तरह की परेशानी से जूझ रही हैं तो उस परेशानी से निजात पाने के लिए आप हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक चुटकी हींग, एक चौथाई छोटी चम्मच मेथी पाउडर को दही के साथ सेवन करने से मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों में राहत मिलती है।
पेट के कीडो को नस्ट करती है
दोस्तों आप भी यह बात बखूबी जानते होंगे कि पेट की अधिकतर बिमारियों को ठीक करने के लिए वर्षों से हींग का इस्तेमाल किया जा रहा है। बच्चों के पेट में कीड़े होना आपने जरूर सुना होगा लेकिन बता दें केवल बच्चों के पेट में ही कीड़े नहीं पड़ते हैं बल्कि कई युवा व बुजुर्ग व्यक्तियों के पेट में भी कीड़े पड़ जाते हैं जो शरीर और सेहत के लिए बेहद घातक होते हैं।
पेट में कीड़े होने से रोगी को न सिर्फ अनिद्रा, वजन का कम होना, शरीर में खुजली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है बल्कि पेट में कीड़े होने से कीड़े लाल रक्त कोशिकाओं को अपना आहार बना लेते हैं जिसकी वजह से व्यक्ति एनीमिया रोग से भी ग्रस्त हो जाता है। हींग में एन्टीबैट्रियल व अन्य ऐसे अम्ल पाए जाते हैं जो पेट के कीड़ों की रोकथाम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से हींग का सेवन करने से आप पेट के कीड़ों को नष्ट कर सकते हैं।
कान और दांत के दर्द में लाभ
दाँत और कान में कई बार बैक्ट्रिया संक्रमण की वजह से दर्द होने लगता है एवं आजकल दाँत व कान में दर्द केवल बड़ों को ही नहीं होता है बल्कि बच्चे भी इससे प्रभावित हैं। अतः हींग आपके पास एक ऐसा उपाय है जिसकी मदद से आप कान व दाँत संबधी दर्द को दूर करने के साथ ही इससे सम्बंधित अन्य प्रकार की समस्याओं को भी ठीक कर सकते हैं।
बता दें की हींग में एंटीबैक्टीरियल, एंटीआक्सीडेंट एवं एंटी इम्फ्लिमेंट्री गुण पाए जाते हैं जो दर्द में राहत पहुंचाते हैं। कान के दर्द को ठीक करने के लिए आप हींग का तेल बनाकर कान में एक दो बून्द डालकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके आलावा दाँत दर्द होने पर हींग का मंजन बनाकर उपयोग कर सकते हैं।
त्वचा सबंधी रोगों के इलाज़ में सहायक
त्वचा संबधी रोग कई तरह के होते हैं जिसमें से फंगल इन्फेक्शन, दाद, खाज खुजली, लाल दाने, फोड़ा फुंसी अधिक प्रचलित रोग हैं। बता दें कि दाद, खाज खुजली यह नाम जितने छोटे हैं इसका प्रभाव उतना ही अधिक है। अतः सही समय पर इन रोगों का उपचार नहीं करने से रोग सम्पूर्ण शरीर को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। इसलिए इस प्रकार के त्वचा संबंधी रोगों का उपचार सही समय पर करना चाहिए।
त्वचा संबधी रोगों को दूर करने के लिए आप हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं क्यूंकि हींग में एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो त्वचा सम्बन्धी रोगों को ठीक करने में मदद करते हैं।
हींग बंद गले को खोलती है
अत्यधिक खट्टा खाने की वजह से, सर्दी खांसी होने से, अधिक बोलने से, मौसम परिवर्तन की वजह से, बैट्रियल संक्रमण के कारण, ठंडा पेय पदार्थ का सेवन करने के कारण अक्सर लोगों का गला बंद हो जाता है। इस वजह से लोगों की आवाज नहीं निकलती है व गले में दर्द होता है। इसके साथ ही कई लोगों के गले में खिंचाव होता है एवं कफ आता है।
बंद गले की समय से छुटकार पाने के लिए आप हींग का उपयोग कर सकते हैं। गर्म पानी में हींग, हल्दी व नमक डालकर गरारे करने से बंद गला खुल जाता है।
कब्ज़ में मुक्ति दिलाने में सहायक
कब्ज एक ऐसा रोग है जिससे 10 में से 6 लोग प्रभावित रहते हैं और यही वजह है कि वर्तमान समय में अधिकतर लोग गैस, पेट दर्द, जैसी अनेक बिमारियों से ग्रस्त हैं। कब्ज होने का सबसे बड़ा कारण है व्यक्ति की गलत आदतें। जी हाँ ठीक से चबाकर भोजन नहीं करना, पानी का सेवन कम करना, बादी करने वाले खाध पदार्थों का सेवन करना, अनियमित समय पर सोना या अनियमित समय पर उठना, कई घंटो तक कुर्सी पर बैठे रहना, शारीरिक परिश्रम का आभाव आदि कब्ज का प्रमुख्य कारण है।
कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप हींग का उपयोग कर सकते हैं। सौंफ, अजवाइन, हींग, काला नमक का चूर्ण बनाकर आधी छोटी चम्मच सुबह शाम भोजन करने के उपरांत इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या से निजात मिलती है।
हींग के कुछ अन्य फायदे Some Other Benefits of Asafoetida in Hindi
1. हींग का उपयोग पीलिया रोग में भी फायदेमंद होता है। पीलिया रोग से प्रभावित व्यक्ति हींग का उपयोग छाती में लगाकर व भोजन में डालकर कर सकते है।
2, यदि आप कील मुहासों की समस्या से पीड़ित हैं तो आप हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं। हींग में एन्टीऑक्सडेंट तत्व पाए जाते हैं जो त्वचा पर उत्पन्न कील मुहासों को दूर करने में मदद करते हैं। इस परेशानी से मुक्ति पाने के लिए हींग का पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
3. हींग पेट से समन्धित अनेक प्रकार के विकारों को ठीक करने में सक्षम होती है। अतः पेट का खराब होना भी पेट से सम्बंधित एक विकार है जिसको ठीक करने के लिए आप हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं। हींग की गोली सुबह खली पेट सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है।
4. काली खांसी को दूर करने में भी हींग फायदेमंद होती है। बता दें कि हींग में बैक्ट्रियल गुण पाए जाते हैं जो काली खांसी को ठीक करने में सहायक होते हैं।
5. हींग में एंटीकैंसर गुण भी पाए जाते हैं जो कई तरह के कैंसर की रोकधाम करने में फायदेमंद होते हैं।
6. सर्दी खांसी को ठीक करने के लिए आप हींग का इस्तेमाल काढ़े के रूप में कर सकते हैं।
7. हींग साँस सम्बन्धी रोगों को ठीक करने में भी फायदेमंद होती है। यदि आप अस्थमा के रोगी है तो हींग का इस्तेमाल आपके लिए लाभकारी साबित होगा।
8. सुखी खांसी से छुटकारा दिलाने में हींग का उपयोग फायदेमंद होता है। आपको बता दें कि हींग में एंटी-वायरल और एंटीबायोटिक तत्व पाए जाते हैं जो इस समस्या से निजात दिलाने में मददगार होते हैं।
9. यदि आपकी याददाशत कमजोर है तो आप हींग का उपयोग कर सकते हैं क्यूंकि हींग में कुछ ऐसे गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो याददाशत को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
10. तनाब को दूर करने में भी हींग बेहद फायदेमंद औषधि मानी जाती है।
11. मुंह की दुर्गन्ध दूर करने में भी हींग लाभकारी सिद्ध होती है।
हींग का उपयोग Uses of Asafoetida in Hindi
हींग का उपयोग अभी तक आपने सब्जियों का तड़का लगाने या फिर दाल को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया होगा। लेकिन दोस्तों इसके आलावा भी आप हींग का उपयोग कई प्रकार से कर सकते हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि हींग का उपयोग अन्य किस तरीके से किया जा सकता है तो आइये हींग के उपयोग के बारे में जानते हैं।
1. हींग का उपयोग आप चटनी में डालकर कर सकते हैं।
2. हींग का उपयोग आप किसी भी तरह के आचार में कर सकते हैं।
3. हींग का उपयोग आप जीरामन में कर सकते हैं।
4. बेसन की पपड़ी को स्वादिष्ट बनाने के लिए आप हींग का उपयोग कर सकते हैं।
5. नमकीन पूड़ी में आप हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
7. हींग पानी बनाकर हींग का इस्तेमाल किया जा सकता है।
8. हींग का तेल बनाकर इसका उपयोग कर सकते हैं।
9. हींग का चूर्ण बनाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
10. हींग कि गोली बनाकर भी हींग का उपयोग कर सकते हैं।
हींग के साइड इफेक्ट Side Effects of Asafoetida in Hindi
हींग से होने वाले फायदों की अपेक्षा हींग से होने वाले नुकसान कम हैं। बता दें कि यदि आप हींग का इस्तेमाल अधिक मात्रा में करते हैं या फिर गलत तरीके से करते हैं तो यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। तो आइये जानते हैं हींग से होने वाले नुकसान कौनसे हैं।1. हींग में पेट को साफ़ करने वाले तत्व पाए जाते हैं। इसलिए इसके अधिक सेवन से दस्त लग सकते हैं।
2. हींग की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को हींग का इस्तेमाल चिकित्सक का परमर्श लेकर करना चाहिए।
3. हींग का इस्तेमाल यदि आप किसी अन्य खाद्य पदार्थ अथवा पेय पदार्थ में नहीं करते हैं तो होंठों में सूजन आ सकती है एवं ओंठ लाल हो सकते हैं।
4. हींग का स्वाद तीखा व कड़वा होता है इसका गलत तरीके से उपयोग करने से उल्टी हो सकती है।
तो दोस्तों ये थी हींग (Asafoetida in hindi) से जुड़ी कुछ जानकारी। हम आशा करते हैं की आप हींग के समस्त फायदे और नुकसानों से परिचित हो गए होंगे। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें।