मैडिटेशन या ध्यान क्या है, कैसे करें | Meditation in Hindi, Benefit, Tips

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मैडिटेशन या ध्यान क्या है, कैसे करते हैं, लाभ, नुकसान, म्यूजिक, सोंग्स, वीडियो (Meditation, Meaning, How to do, Kaise Kare, Benefit, Music, Quotes, Effects, Tips in hindi)

meditation in hindi एक साधारण इंसान मेडिटेशन को एक प्रार्थना ही समझता है, परंतु वास्तव मे ऐसा नहीं है. मेडिटेशन प्रार्थना से हटकर एक अलग चीज है, तनावपूर्ण जीवनशैली में मेडिटेशन आपको रिलैक्स करने में मदद करता है, इससे आपको आत्मिक शांति मिलती है. मेडिटेशन का मुख्य उद्देश्य इंसान मे जागरूकता बनाये रखना है. इसलिए हर साल 15 मई को विश्व मैडिटेशन दिवस के रूप में मनाया जाता है. आप अपनी दिनचर्या मे जो भी करे, पूर्ण रूप से जागरुकता के साथ करते हुये अपना बेस्ट देने की कोशिश करे. यही मेडिटेशन का मुख्य उद्देश्य है. आराम और सुखदायक लाभों के कारण, हेल्दी और एक्टिव लाइफ के लिए एक्सपर्ट मेडिटेशन करने की सिफारिश करते हैं। इस लेख में मैडिटेशन क्या है, इसके लाभ, नुकसान और इसे कैसे करते हैं इसके बारे में बताया गया है |

मैडिटेशन क्या है (Meditation Meaning)

Meditation in hindi meaning ध्यान एक मानसिक व्यायाम है जिसमें रिलैक्सेशन, फोकस और जागरूकता शामिल है। , जिसके जरिए आप अपनी तनावपूर्ण जिंदगी से बाहर आ सकते हैं और अपनी जीवनशैली को और अच्छा कर सकते हैं। क्योंकि आजकल के समय में लोग सबसे ज्यादा मानसिक रोग से गुजरते हैं जिसके कारण उनकी दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो जाती है। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल या कह लीजिए इसकी सबसे ज्यादा जानकारी योग से जुड़े लोगों को होती है क्योंकि वो अपनी दिनचर्या में इसे शामिल करना नहीं भूलते। अतः ध्यान की मुद्रा मे रहते हुये अपनी श्वास को सुनना या पक्षीयो की ध्वनि को साफ तरीके से सुन पाना ही मेडिटेशन है परंतु जब आपको इस मुद्रा मे रहते हुये अन्य किसी और चीज का अनुभव नहीं होता, तो आप सही मेडिटेशन की स्थिति मे है. अगर आप भी चाहते हैं इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना तो इन टिप्स को जरूर पढ़ें।

मैडिटेशन का उद्देश्य

मेडिटेशन का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के मन मे करुणा, प्रेम, धैर्य, उदारता, क्षमा, आदि गुणो को बनाए रखना है. मेडिटेशन का प्रयोग आदि काल से ध्यान के रूप मे किया जा रहा है. मेडिटेशन कोई तकनीक नहीं है, अपितु यह एक ज़िंदगी को सही तरीके से जीने का रास्ता है. मेडिटेशन करने का सही तरीका एक सीमित समय के लिए अपनी सोचने की शक्ति पर वीराम लगाना है. मेडिटेशन के वक़्त इंसान हर तरह के विचारो से मुक्त होता है तथा उसका ध्यान केवल एक और केन्द्रित होता है,मेडिटेशन का उद्देश्य वास्तव मे कोई लाभ प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, परंतु फिर भी इसकी सहायता से इंसान अपने उद्देश्य पर अपना ध्यान केन्द्रित करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है.

मैडिटेशन के प्रकार (Types)

मैडिटेशन कई प्रकार के होते हैं। जिनको अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आपको काफी लाभ होगा।

माइंडफुलनेस मैडिटेशन

इसके अभ्यास से व्यक्ति अपने आपको सचेत और सर्तक बना सकता है। इसके अभ्यास की बात करे तो, इसे करने के दौरान आप अपने आस-पास हो रही गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिसके आप अपने मन और दिमाग को एक जगह शांत रख सकते हैं।माइंडफुलनेस मेडिटेशन व्यक्ति को वर्तमान में जागरूक और हर जगह उपस्थित रहने में मदद करता है।इसके अभ्यास के लिए कोई जगह या समय सीमा नहीं है इसे आप किसी भी जगह कर सकते हैं।

कुंडलिनी ध्यान

इसमें मंत्रों का उच्चारण करने, गहरी सांस लेने और कई मूवमेंट्स भी शामिल होती हैं। इसके लिए आमतौर पर लोग क्लास लेते हैं ताकि वो इसके मंत्रो को और उन मूवमेंट्स को जान सके जिससे उन्हें इस अभ्यास में कोई दिक्कत ना हो।कुंडलिनी योग एक ऐसा ध्यान का आधार है, जिसके जरिए आप शारीरिक रूप से सक्रिय हो सकते हैं।हालांकि इसके मंत्रो और इसके तरीके को सीखने के बाद आप इसे घर पर भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

ज़ेन मेडिटेशन

इसका अभ्यास अगर आप गुरुकुल या फिर किसी प्रोफेशनल ट्रेनी से लेगे तो इसे अच्छे से सीख पाएंगे।ज़ेन मेडिटेशन जिसे बौद्ध परंपरा का हिस्सा माना जाता है।इसमें कुछ आसान स्टेप्स होते हैं तो कुछ विशेष जिसको करने से आपक दिमाग शांत होता है और आपकी सोचने की क्षमता बढ़ जाती है। इसको करने से आपकी बॉडी और दिमाग दोनो रिलैक्स पोजिशन में चले जाते हैं।

मंत्र मेडिटेशन

मंत्र जिसे संस्कृत का शब्द कहा जाता है। ये दो शब्दों से मिलकर बना है मन जिसका अर्थ है “मस्तिष्क” या “सोचना” और त्राइ जिसका अर्थ है ”रक्षा करना” या ”से मुक्त करना”। इसके अभ्यास से आप अपने आसपास पैदा होने वाली नेगिटिव एनर्जी को दूर रख सकते हैं। जो आपके मन को शांत और रिलेक्स कर देगा।

मैडिटेशन शुरू कैसे करें

अगर आप मैडिटेशन को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी जिंदगी से सारी टेंशन को खत्म करना होगा। क्योंकि टेंशन रहेगी तो आप किसी में भी ध्यान नहीं लगा पाएंगे। शुरूआती दौर में लोग मैडिटेशन करते समय काफी कठिनाई का सामना करते हैं, लेकिन घबराईए मत, जैसे-जैसे आप इसके सीखते जाएंगे वैसे-वैसे ही आप इसको आसानी से कर पाएंगे। बस आपको इसके करने का तरीका और सही समय जानना है ताकि आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर पाएं।

मैडिटेशन या ध्यान कैसे करते है (Meditation Tips)

यह आपको शारीरिक तथा मानसिक शांति तथा फ़िटनेस प्रदान करता है. परंतु इसके लिए सबसे जरूरी बात यह है कि आप इसे सही तरीके से करे.अगर मेडिटेशन सही तरीके से किया जाए, तो वह आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा |आप अपना मेडिटेशन सही तरीके से कर पाये, इसलिए हम आपको कुछ तरीके बता रहे है. आशा करते है कि यह आपके लिए सहायक होंगे.

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सबसे पहले मेडिटेशन के लिए उपयुक्त जगह का चयन करे –
इसके लिए सबसे पहले आप अपनी इच्छा अनुसार ऐसी किसी भी जगह पर मेडिटेशन कर सकते है, जहाँ आपको आत्मिक शांति मिलती है. परंतु फिर भी जहाँ आप मेडिटेशन करते है उस जगह दीवारों पर ना तो ज्यादा डार्क कलर होना चाहिए, ना ही ज्यादा लाइट कलर . ना तो वह जगह ज्यादा गरम होनी चाहिए, ना ही बहुत ठंडी (यहा ठंडी से हमारा तात्पर्य प्राकृतिक ठंड से नहीं है बल्कि AC के द्वारा की गयी ठंडक से है). इन सब के अलावा इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की जहा आप मेडिटेशन करते है उस जगह पर ज्यादा शोर या कोई अन्य व्यवधान ना होता हो.

विशेष – अगर आप किसी एक जगह पर मेडिटेशन करने मे सहज नहीं है तो आप अपनी इच्छा अनुसार जगह बदल सकती है.

अपनी मेडिटेशन करने की अवस्था (posture) का चयन करे –

आप अपनी सुविधा अनुसार किसी भी अवस्था का चयन मेडिटेशन के लिए कर सकते है. किसी भी अवस्था जैसे बैठकर, लेटकर, खड़े होकर मेडिटेशन किया जा सकता है. परंतु इन सभी अवस्थाओ के अपने फायदे और नुकसान है. आप अपनी इच्छा अनुसार किसी भी अवस्था मे मेडिटेशन कर सकते है परंतु आपके लिए अच्छा यही होगा की आप किसी एक अवस्था मे हमेशा मेडिटेशन ना करके अपनी अवस्था को बदलते रहे.

खड़े होकर मेडिटेशन करना (Standing posture) :-

कई लोगो का मानना होता है कि खड़े रहकर मेडिटेशन नहीं किया जा सकता. परंतु ऐसा नहीं है. कुछ लोग जो ठीक से पालती लगाकर नहीं बैठ सकते या जो काफी देर तक एक अवस्था मे नहीं लेट सकते उनके लिए यह अवस्था समस्या हो हल करता है. यह अवस्था उनके लिए सबसे अच्छी भी है. इस अवस्था मे मेडिटेशन करने के लिए आपको सीधे खड़े होना पड़ता है तथा आप अपने हाथ अपनी कलाइयो की सहायता से मिला सकते है. आप अपना चेहरा तथा दृष्टि अपनी सुविधा के अनुसार किसी जगह पर केन्द्रित कर सकते है. और हाँ आप अपनी सुविधा अनुसार अपनी भुजाओ की स्थिति भी परिवर्तित कर सकते है. तथा आपके लिए यह जरूरी होता है कि आप अपने पेट तथा लोअर बैक को आराम दे.

लेटकर मेडिटेशन करना (Reclining posture) :–

इस अवस्था मे मेडिटेशन करने के लिए आपको एक तरफ होकर लेटना होता है, तथा अगर आप दायी साइड होकर लेटे है, तो आपका दाया हाथ अपने सिर के नीचे तथा बाया हाथ अपने शरीर के उपर सीधी अवस्था मे होता है. आप चाहे तो अपने दाये हाथ की जगह तकिया भी अपने सिर के नीचे रख सकते है. अगर आपको इस स्थिति मे कोई भी परेशानी होती है तो अपने अनुसार किसी और स्थिति का चयन कर सकते है.

बैठकर मेडिटेशन करना (seated posture) :–

ध्यान मे बैठकर मेडिटेशन करने के लिए कई स्थितिया है. जैसे कोई व्यक्ति पालती लगाकर सहज महसूस करता है, तो कोई पदमासन लगाने मे सक्षम होता है, तो कोई अपने पैर मोड़कर वज्रासन में बैठता है. आप अपनी इच्छा अनुसार अपने लिए comfortable स्थिति का चयन कर सकते है . आप अपने हाथ तथा उँगलियो की भी स्थिति अपने अनुसार चुन सकते है. जब आप बैठकर मेडिटेशन करते है, तो आपका सीना तना हुआ तथा आपकी गर्दन बैलेन्स होना चाहिये.

ध्यान लगाना (relaxation) :–

आप ध्यान की स्थिति मे होते है, तो अपने दिमाग मे आने वाले सभी विचारो को विराम दे. आपके दिमाग मे जो कुछ भी चल रहा है, जैसे अपने घर की उलझन, अपने परिवार की परेशानी या आपके ऑफिस की उलझन आदि को अपने दिमाग से निकाल दे तथा अपने शरीर के हर अंग को शांत करे. महसूस करे की आप इस दुनिया से परे है आपको कोई परेशानी नहीं है आपको कोई काम नहीं करना है. हो सकता है कि आपको ऐसा करने मे कुछ वक़्त लगे, पर अपने विचारो को अपने वश मे रखने की कोशिश करे. अगर आप ऐसा करने मे सक्षम होते है तो यकीन मानिए आपको आत्मिक शांति मिलेगी .

अपनी क्रिया को दोहराए (Keep practicing) :–

जब आप ध्यान लगाते है या अपने मेडिटेशन के लिए किसी अवस्था का चयन करते है, तो हो सकता है की शुरवात मे आपसे यह सही से न हो, हो सकता है कि जब ध्यान लगाने की कोशिश करते है तो आपके विचार भटकने लगे. परंतु ऐसा होने पर चिंता ना करे और फिर से ध्यान लगाने की कोशिश करे. जब आप ऐसा बार बार करने की कोशिश करेंगे, तो आप आसानी से ध्यान लगा पाएंगे.

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मेडिटेशन के फायदे (Benefits Of Meditation)

मेडिटेशन कई रूप में आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से आपको सेहतमंद बनाता है। मेडिटेशन का नियमित रूप से अभ्यास करने से आपको निम्न फायदे मिल सकते हैं:-

  • तनाव को कम करना मेडिटेशन के फायदों में से एक है। यह कोर्टिसोल के स्तर को कंट्रोल करके आराम देता है।
  • मेडिटेशन एंग्जायटी, डिप्रेशन और निराशा जैसी मानसिक स्थितियों में आपके दिमाग को शांत करके राहत दिलाता है।
  • मेडिटेशन का नियमित अभ्यास एंग्जायटी डिसऑर्डर के लक्षणों को भी कम करता है जैसे कि फोबिया, सोशल एंग्जायटी, पैरानॉइड विचार, कम्पलसिव डिसऑर्डर आदि।
  • मेडिटेशन एजिंग के प्रोसेस को धीमा करता है और आपको जवां बनाए रखने में मदद करता है।
  • मेडिटेशन करने से आप रिलैक्स रहते हैं जिससे आपको अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है।
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मेडिटेशन करने का सही समय

सुबह का समय सूरज उगने पर मेडिटेशन का अभ्यास करना सबसे उचित माना जाता है। यह आपकी इंद्रियों को खोलता है, दिमाग को सक्रिय करता है और मन को शांत करता है। इसके अलावा आप शाम के समय भी मेडिटेशन का अभ्यास कर सकते हैं।मेडिटेशन का अभ्यास वैसे तो दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, जब भी आप इसे करने में सहज हो और आपके आस-पास का माहौल फोकस करने के लिए उचित हो।

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